🔱त्रेतायुग से कलियुग: श्रीहरि के दस अवतार और युगधर्म🔱
“युगे युगे मैं धर्म की स्थापना के लिए प्रकट होता हूँ।” – श्रीकृष्ण (श्रीमद्भगवद्गीता ४.७-८) सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग—इन चार युगों में भगवान बार-बार अवतरित हुए हैं धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए। हर युग में वे किसी विशेष अवतार में प्रकट हुए और लोगों के कल्याण के लिए एक विशेष पद्धति…